वह भी आदमी ही हैअरुण साथीहम जहां है, वहीं से हीहमे नीचे देख लेना चाहिएइसलिए नहीं है कियह कोई अनिवार्य शर्त हैबल्कि इसलिए कीनीचे देख लेने भर से हीहमे ठोकर लगने की संभावनाकम हो जाती हैऔर इसलिए भी कीनीचे देखने भर से हीहम देख पाते हैबगैर नीचे देख करचलनेवालें चोटिल हुएआदमी को...और इसलिए भी किजब हम, जहां हैंवहां से नीचे देखते हैंतो सिर्फ अपनी आंखों से हीनहीं देखना चाहिएहमें अपनीसंवेदनाओं में उतर करभी देख लेना चाहिए..और इस तरहदेखने पर ही दिखेगाकि मंदिरों के बाहरएक रोटी के लिएतरसता आदमी जैसा एक भिक्षुक भी आदमी ही हैतब कहीं दिखेगाकि बगैर हाथ-पैर कालोथड़ा जैसा दिखने वालावह आदमी भीआदमी ही हैऔर दिखेगा यह भी किहाड़तोड़ मेहनत करतावह मजदूर जैसा आदमी भीएक आदमी ही हैऔर तब हमछोड़ देगेंईश्वर से हर बात को लेकरशिकायत करना...
शुक्रवार, 18 अगस्त 2023
वह भी आदमी ही है
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ईश है २०२४ में फिर आयेगा |
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ... ज़मीन पे रहना, इसे देखना बहुत ज़रूरी है ...
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