शैतान की उदासी
(अरुण साथी)
1
उन्होंने कहा
शैतान हो तुम
आदमखोर
रक्तपिपासु
धर्म के नाम पर
बंदे का कत्लेआम
हैवानियत है
तुम्हारा काम
इंसानियत ने उसे
हैवान-हैवान
शैतान-शैतान
पुकारा
शैतान उदास हो गया....
2
अब वे उसी के
जैसे हो गए
वे कहते हैं
तुम शैतान
मैं भी शैतान
तुम हैवान
मैं भी हैवान
अब शैतान प्रसन्न हो गया...