साथी
शनिवार, 11 अप्रैल 2020
लाक्षागृह
निज स्वार्थ
सिद्धि में
जब भाई को मारने
भाई ही लाक्षागृह
सजायेगा
उस समय तो
पांडव बच गए
आज का भाई तो
मारा ही जाएगा
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