साथी
शनिवार, 11 अप्रैल 2020
लाक्षागृह
निज स्वार्थ
सिद्धि में
जब भाई को मारने
भाई ही लाक्षागृह
सजायेगा
उस समय तो
पांडव बच गए
आज का भाई तो
मारा ही जाएगा
4 टिप्पणियां:
Onkar
11 अप्रैल 2020 को 10:15 pm बजे
बहुत सुन्दर
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
sunita shanoo
12 अप्रैल 2020 को 12:42 am बजे
सच कहा आपने।
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
Kavi
4 अगस्त 2020 को 10:49 pm बजे
बहुत ही सुंदर लिखा है
आप मेरी रचना भी पढना
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
Amrita Tanmay
8 दिसंबर 2020 को 8:50 am बजे
हाँ ।
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर लिखा है आप मेरी रचना भी पढना
जवाब देंहटाएंहाँ ।
जवाब देंहटाएं