सुबह सुबह बंदरी ने
अकोकिल कर्कश स्वर में
आई लव यू सुनाया
स्नेहसिक्त मन हर्षाया
चेहरे का हर्ष भाव पढ़
बंदरी के मन का
वनफूल खिल आया
फिर उसने
अपने गैर लिपस्टिक रूपी
श्याम स्लेटी चेहरे पे लगे
होठ रूपी कैसेट से
हैप्पी अप्रेल फूल बजाया
तब जाकर माजरा समझ आया
एक बार फिर बंदरी ने
मुझे मूर्ख बनाया
मैंने कहा, बंदरी
प्रेमपाश में पड़
विवाह रूपी विषवेल में
तो मूर्ख भी फंसते है
विद्वतजन भी भला कहीं
ऐसी मूर्खता करते है
इसलिए है प्रिये आओ
दोनों एक दूसरे के फिर
गले लगते है
और
ईश्वर से सात जन्मों तक
निरा मूर्ख पैदा करने की
करबद्ध प्रार्थना करते है….
करबद्ध प्रार्थना करते है….
करबद्ध प्रार्थना करते है….
#साथी के #बकलोल_वचन