दानिश
उसकी कानों को
सच सुनने की आदत नहीं है
न ही उसकी आँखों को
सच देखना अच्छा लगता है
फिर कैसे वह दानिश को पसंद करता
उसकी तस्वीरों से उठती चीत्कार से
कांप जाए करेजा कसाई का भी
फिर उसका करेजा भी लरजता होगा
पूछते है सभी, दानिश को
आखिर मारा किसने
आखिर कुछ लोग मौन क्यों है
और कुछ लोग कठहंसी कर रहे
सुनों,
दानिश को उसीने मारा
जिससे वह लड़ रहा था
तालिबानी,
इधर के हों
या उधर के
फर्क क्या पड़ता है...