सोमवार, 16 अप्रैल 2018

हिन्दू आतंकवाद- मुस्लिम आतंकवाद

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मक्का मस्जिद ब्लास्ट में
तथाकथित
हिन्दू आतंकवाद के
अभियुक्तों के रिहा होने पे
जो लोग न्यायाधीश को
कठघरे में खड़ा कर रहे
वही लोग तथाकथित
मुस्लिम आतंकवाद
के अभियुक्तों
के रिहा होने को
न्याय की जीत बताते है..

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तथाकथित
हिन्दू आतंकवाद के
अभियुक्तों के रिहा होने पे
जो लोग न्याय की
जीत बता रहे
वही लोग तथाकथित
मुस्लिम आतंकवाद के
अभियुक्तों के रिहा होने पे
न्यायधीश को कठघरे में
खड़ा करते पाये जाते है...

रविवार, 15 अप्रैल 2018

देश क्यों पिछड़ रहा..?

कोई दलित,
कोई सवर्ण
कोई जाट
कोई गुज्जर
कोई पटेल
कोई महार
कोई हिन्दू,
कोई मुसलमान
कोई पंजाबी
कोई ईसाई
के लिए लड़ रहा...
सबको अपनी पड़ी है
देश की बात कौन कर रहा
फिर भी हम पूछते है
भारत क्यों पिछड़ रहा...
#साथ के #बकलोल_वचन

शुक्रवार, 13 अप्रैल 2018

सधर्मी बलात्कारी

सधर्मी बलात्कारी
कठुआ में
काठ मारने जैसा
कुछ दरिंदो ने
एक मासूम सी
कश्मीर की परी
से बलात्कार कर
हत्या कर दी..
दरिंदों को
उस मासूम की
कारुणिक क्रंदन भी
भी सुनाई दिया होगा...
या की उसकी चीत्कार
दरिंदों के दिल तक
पहुंची तो होगी...
पर दरिंदे तो
दरिंदे होते है
उसका
अपना धर्म
अपनी जाति
अपना समाज होता है..
अरे!
फिर
उस मासूम सी परी
की लाश को
विधर्मी बता कर
कौन नोंच नोंच
कर खा रहा है..
अरे!
फिर
उस मासूम सी परी
की लाश को नोचते
हुए ये
विधर्मी विधर्मी
कह कौन
अट्टहास कर रहा है...
अरे!
दरिंदों को
ये कौन है
जो सधर्मी सधर्मी
कह रहा है....
कौन है...
कौन है...

रविवार, 1 अप्रैल 2018

उत्पीड़न हेतु भारत बंद

#दलित_उत्पीड़न
कानून के दुरुपयोग
से हो रहे उत्पीड़न
को रोकने के लिए
जांच कर कार्यवाई
के उच्चतम न्यायालय
के आदेश पे #भारत_बन्द है,

कम वोट बैंक वालों का
मौलिक अधिकार
खत्म करने का
यह नेता मंत्र है,

ओह!
यह कैसा लोकतंत्र है..
#साथी के #बकलोल_वचन

अंत राष्ट्रीय मूर्खाधिराज नोबेल पुरस्कार केजरीवाल को ...

मूर्ख दिवस
पे अंत राष्ट्रीय मूर्खाधिराज
नोबेल पुरस्कार केजरीवाल को
देते हुए जजों ने फरमाया


“वैसे तो इस पुरस्कार
के रेस में मोदी जी आगे
चल रहे थे
पकौड़ा रोजगार
जुमला समाचार
नोटबन्दी, जीएसटी
छपन्न इंच और
राम नाम
जैसे जुमलों से उन्होंने
देश और दुनिया को
मूर्ख बनाया
और यह सब करने में
उन्होंने तीन-चार दशक
गंवाया

आप तो श्रीमान
जादूगर निकले
पहले अन्ना को फंसाया
और अनशन को
हथियार बनाया
सबको भरपेट गरियाया
दिल्ली की कुर्सी हथियाया
आम आदमी बन
आम आदमी के
अरमानो पे
झाड़ू चलाया
और तो और
इतना सबकुछ चंद
महीनों में ही कर दिखाया..