सोमवार, 31 अक्टूबर 2011

छठ का नजारा

खरना का प्रसाद बनाती मां





तेतारपुर गांव स्थित मालती पोखर का सुर्य मंदिर- जिसें एक महिला के द्वारा स्थापित किया गया एवं तलाब की खुदाई भी की गई।



सूप बनाता दलित परिवार और खरीदती छठवर्ती





फलों की सजी दुकान पर फल बेचता मुस्लिम परिवार




बुधवार, 19 अक्टूबर 2011

खुबसूरत मकड़ी














खुबसूरत मकड़ी की यह तस्वीर अपने गांव के बगीचे से खींची है। इस मकड़ी का आकार 9 इंच है और इसके जाले की आकार लगभग तीन फीट।

मैंने तो इस तरह की मकड़ी नहीं देखी है शायद कोई जानकार बता सकें कि यह किस प्रजाती की मकड़ी है या फिर यह अद्भुत है?

मंगलवार, 11 अक्टूबर 2011

पानी रे पानी तेरा रंग कैसा?




शेखपुरा जिले का घाटकोसुम्भ प्रखंड के तीन दर्जन से अधिक गांव कई माह तक पानी में डूबा रहता है और इसमें भी जिंदगी सूरज की किरणों की सुनहली परत ओढ़ कर कुछ यूं निकलती है...

सोचिंए?
कई सुविधाओं के बाद भी हमें जिन्दगी से इतना गिला क्यूं है?

शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2011

कालकंट



















बचपन से बुढ़ापे तक,
गांव की गलियों से
महानगरों की अट्टालिकाओं तक,
जीवन के आदि से अंत तक..
रोज-रोज
क्षण-क्षण
विषवमन करते हैं वे
और मैं
अभ्यस्त हो गया हूं
विष पीने का।

कहीं कोई जाति और धर्म के नाम पर,
कहीं कोई मजूर जानकर,
उगलते रहते हैं
सांधातिक विष।

सदियों से पीते हुए विष को,
काला पड़ गया देह,

और एक प्याला पीकर
नीलकंठ-हो गए भगवान

मैं आज भी कालकंट के कालकंट ही रहा।

रविवार, 2 अक्टूबर 2011

शब्दों की चुहलबाजी (क्षणिकाऐं)



1
गांधी जी से लेकर
इबादत की टोपी तक,
सबकुछ बांट देगें।
राजनीति के चतुरसुजान,
खून को भी सेकुलर कह छांट देगें!



2
मेरी आदतों का वे बुरा मान गए हैं,
मंदिर, मस्जिद भी जाता हूं, वे जान गए हैं।

3
चोर चोर मौसेरे भाई।
भाजपा ने उक्ती को चरितार्थ किया,
मंहगाई पर वोटिंग में आम आदमी को छोड़,
संसद में कांग्रेस का साथ दिया।

4
बाबा जी कहते थे
सर्वशक्तिमान है हम,
कांग्रेस के एक ही फटके में,
न खुदा मिला, न विशाले सनम...।

5
हाइटेक युग में महोदय
कथित रथ की सवारी करेगें,
जनता को भ्रमाने का
फिर से एक स्वांग धरेगें।