मैं भी तो खबर बनूंगा
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सोचता हूं
खबरों को जीते-जीते
किसी दिन अचानक से
मैं भी तो खबर बनूंगा
कुछ अपने शोक संवेदना में
कुछ शब्द लिखेंगे
कुछ नमन, विनम्र श्रद्धांजलि
लिखकर अपनी
औपचारिकता पूर्ण करेंगे
कुछ अपने रो-धो लेंगे
कुछ दिन
सोचता हूं
क्या कोई मेरे लिए उदास होगा
कोई मुझे, मेरे बाद
मुझे याद करेगा
कोई मुझे, मेरे बाद भी
प्यार करेगा
फिर सोचता हूं
किसी के लिए
आज तक तो
ऐसा हुआ नहीं है
तब
तस्वीर व्हाट्सएप एआई ने दिए गए निर्देश पर बनाकर दिया है
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सोचता हूं
खबरों को जीते-जीते
किसी दिन अचानक से
मैं भी तो खबर बनूंगा
कुछ अपने शोक संवेदना में
कुछ शब्द लिखेंगे
कुछ नमन, विनम्र श्रद्धांजलि
लिखकर अपनी
औपचारिकता पूर्ण करेंगे
कुछ अपने रो-धो लेंगे
कुछ दिन
सोचता हूं
क्या कोई मेरे लिए उदास होगा
कोई मुझे, मेरे बाद
याद करेगा
कोई मुझे, मेरे बाद भी
प्यार करेगा
फिर सोचता हूं
किसी के लिए
आज तक तो
ऐसा हुआ नहीं है
तब
तस्वीर व्हाट्सएप एआई ने दिए गए निर्देश पर बनाकर दिया है
खबर कैसी बनना है यह पूर्णतया हमारे कर्मों पर निर्भर है। बाकी तो ख़बर कैसी भी हो हर नये दिन के अखबार के साथ बासी हो ही जाती है।
जवाब देंहटाएंसादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ३० अगस्त २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
बहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएं