कचरे का बड़ा ढेर
कचरे के ढेर को
आदमी ने बड़े ही जतन से
संग्रहित किया
बरसों की मेहनत
एक-एक कचरा से
खड़ा किया साम्राज्य
कचरे का
और घोषित किया
स्वयं को राजा
हम ऐसे आदमी को
विक्षिप्त कहते हैं
और आश्चर्य तो यह कि
वह भी हमें यही समझता है...
शेखपुरा रेलवे स्टेशन के पास इस तस्वीर को कैद करने के बाद मेरे शब्द..
सटीक
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूब!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
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