साथी
रविवार, 31 जनवरी 2016
ब्रह्मपुत्र
स्वर्ण देश का
प्रजापालक था वह..
स्वर्ग में सीढ़ी लगाने,
समुन्द्र जल मीठा करने का
राष्ट्रवादी स्वप्नद्रष्टा था वह..
वह प्रकांड ब्राह्मण
और ब्रह्मपुत्र था...
वह भक्त था,
महाभक्त,
महाकाल का..
सर्वगुण सम्पन्न था वह..
बस,
वह अहंकारी था
और
रावण कहलाया..!
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