साथी
मंगलवार, 21 अक्टूबर 2014
साथी के बकलोल वचन
कुछ
श्रमजीवी मीडिया मजदूर
धन-तरस कहलाते है
इसलिए
धनतेरस पे
खाली हाथ घर जाते है
बीबी की डांट खाते है
और
बेचारे दांत ही दिखाते है
कल से फिर
छाती तान
काम पे लग जाते है..
(श्रमजीवी को समर्पित । बेशर्म जीवी के तो जत्ते कह्भो ओत्ते कम पडतो..)
Arun sathi
1 टिप्पणी:
सुशील कुमार जोशी
21 अक्टूबर 2014 को 7:49 am बजे
:)
बढ़िया !
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