पाती प्रेम की
तुम्हारे सौन्दर्यबोध में मैंने बहुत से शब्द ढूंढे़
अपनी भावनाओं को कोरे कागज पर बारम्बार उकेरा
फिर उसके टुकडे़-टुकड़े किए
हर बार शब्द शर्मा जाते........
फिर इस तरह किया मैंने
अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त
गुलाब की अबोध-नि:शब्द पंखुड़ी को
लिफाफे में बन्द कर तुम्हें भेज दिया......................
welcome
जवाब देंहटाएंफिर इस तरह किया मैंने
जवाब देंहटाएंअपनी भावनाओं को अभिव्यक्त
गुलाब की अबोध-नि:शब्द पंखुड़ी को
लिफाफे में बन्द कर तुम्हें भेज दिया......................
Wah!
Bahut sundar rachna!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना जमे रहे ।
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