गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

सपना और सपनों का सच

सपना और
सपनों का सच


सपनों के लिए है जरूरी
नीन्द का होना
निबाZेध और
निर्जीव सा होना
सपनों के लिए है जरूरी
आदमी को चैन से सोना...

सपना
सच है अन्त:करण का
सपना सच है
जीवन और मरन का.....

सपनों से आगे भागो तुम
सपनों से सो कर जागो तुम


सपना है अन्त: का विस्फोट
सपना है अन्त: का आक्रोश
सपना है अन्त: का स्नेह
सपना है  अन्त: का क्लेश

सपना भले ही सपना है
सपना ही शास्वत अपना है.......