मंगलवार, 31 जुलाई 2018

नर-पिशाच

आदमी जैसा दिखने वाला

हर आदमी

आदमी नहीं होता


आदमी की शक्ल में

आजकल नर-पिशाच

भी रहते है..


नर-पिशाच

प्यासा होता है

लहू का


नर-पिशाच

भूखा होता है

हवस का


नर-पिशाच

होता है

आदमखोर


और 

नर-पिशाच

निठारी से

लेकर मुजफ्फरपुर के

बालिका गृह तक

कहीं भी

दिख जाएगा

बलात्कार के बाद

हठात हँसते हुए

हमपे

हमारी राजनीति पे

हमारी सत्ता पे

हमारे समाज पे

हमारे कानून पे

हमारी न्याय व्यवस्था पे..

हा हा हा हा..







सोमवार, 30 जुलाई 2018

कातिल

वक्त वक्त की बात है, वक्त सबका हिसाब रखता है!
जलेगा वही जो सिरहाने अपनी आफताब रखता है!!

इस दुनिया का यही रिवाज है तो मान लो "साथी"!
स्याह फितरत लोग दूसरों के धब्बों का हिसाब रखता है!!

अब तो मंदिर मस्जिद फ़कत कातिलों के अड्डे है!
खूनी हाथों में वह मज़हब की किताब रखता है!!

गुरुवार, 19 जुलाई 2018

हलाला बनाम बलात्कार

(अरुण साथी)

पिता समान ससुर से
सेक्स की बात को
मजहब के आड़ में
हलाला बता
सही ठहराते हो

हो शैतान
और तुम
मुल्ले-मौलवी
कहलाते हो

और
हलाला रूपी बलात्कार
का विरोध करने
वाली एक महिला
से भी डर जाते हो

हद तो यह कि निदा को
शरीया का हवाला देकर
सड़े हुए अपने
धर्म से निकालने का
फतवा सुनाते हो

और तो और
इन शैतानों के साथ
देने वाले
खामोश रहकर जो
जो तुम मुस्कुराते हो
तुम भी जरा नहीं
लजाते हो...