सोमवार, 1 सितंबर 2025

प्रेम और अप्रेम

प्रेम और अप्रेम

पूरी दुनिया
आसमाँ भर प्रेम
माँग रही है,
और इधर,
कोई बस चुटकी भर
प्रेम बाँट रहा है…

आज राह चलते मिले प्रेम की एक तस्वीर

7 टिप्‍पणियां:

  1. यह चुटकी भर प्रेम ही तो जीवन की सुगंध है, ,मन की मिठास है।
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति सर।
    सादर।
    -----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार २ सितंबर २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. प्रेम तो प्रेम है, किसी के द्वारा दिए गए चुटकी भर प्रेम से भी मन आनंदित हो जाता है, चाहे वह प्रेम मां के द्वारा बेटे को दिया गया हो, या बहन का भाई को या मित्र का मित्र को और सबसे सुखद वर्षों पुरानी पड़ी दरार को भी मिटा देती है यह "चुटकी भर प्रेम"

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  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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