गुरुवार, 31 मार्च 2011

मैंने अप्रेल फूल मनाया।






मैंने अप्रेल  फूल मनाया।
हत्या का ब्रेकिग न्यूज चलबाया
रिपोर्टरों को खूब हड़काया
किसी को अस्पताल 
तो किसी को थाने बुलबाया।
मैंने अप्रेल  फूल मनाया।

किसी को जेल भेजवाया 
तो किसी को छापेमारी कह डराया।
मैंने अप्रेल  फूल मनाया।


पर बीबी नहीं फंसी मेरी जाल में
कोई बुला रहा है कह कर मुझे ही
घर से बाहर भगाया,
मुझकों की मुर्ख बनाया,
चाय भी नमक मिलाकर पिलाया
पूछने पर बोली 
श्रीमानजी 
मैंने अप्रेल फूल मनाया।




चित्र गूगल देवता से साभार 





रविवार, 27 मार्च 2011

भोज और कुत्ते।


फेंके गए जूठे पत्तलों को लेकर, 
मचा था घमाशान।

कई थे,
जो अपनी भूख के लिए
कभी भौंक 
तो कभी झप्पट रहे थे
एक दूसरे पर।

काफी शोर-शराबा था।
जोर जोर से बजते  
लाउडीस्पीकर 
और
चकाचौंध रौशनी थी।

और थी,
प्रतिस्पर्धा
सभ्य कहलाने की।

इस सबके के बीच किसी ने नहीं देखा
कि
पूरी के उन फेंके गए टुकडों के लिए
झपट रहे थे 

कुत्ते और 
आदमजात
साथ साथ.....


शनिवार, 26 मार्च 2011

पोंटिंग की बीबी






भारत से हारने के बाद
आस्टेलिया के कप्तान 
रिकी पोंटिंग जब घर आया।


मूड खराब है,
गर्मा गरम चाय पीलाओं ,
बीबी से फरमाया।

बीबी ने तुरंत 
प्लेट में चाय थमाया।

यह देख पोंटिंग को गुस्सा आया।
यह क्या मजाक है,
कप की जगह प्लेट में चाय लाई हो,
क्या तुम भी आज पगलाई हो।

बीबी भी गुस्से में थी
बोली 
अब तो चाय रोज प्लेट में ही आएगा
क्योंकि
कप तो तुम्हारा बाप घोनी ले जाएगा.............

बुधवार, 23 मार्च 2011

सोंचों ? ------23 मार्च शहादत दिवस पर शहीदों को नमन करती मेरी रचना। एक श्रद्धांजली।



सोंचो 
सरफरोशी की तमन्ना
अब किसके दिल में है?

कौन देखेगा 
जोर कितना बाजुए कातिल में है?

नेजे पर रख कर सर को अब
कौन बुलंद करेगा?

जिस देश की  खातिर
भगत सिंह
राजगुरू
सुखदेव ने 
फांसी को चूमा

सोंचो 

उस देश की  खातिर अब कौन मरेगा?




मंगलवार, 22 मार्च 2011

सावधान


देखा मैंने विज्ञापन एक
सलाह थी उसमें बहुत ही नेक।

सावधानी हटी, दुर्घटना घटी।

समझ गया मैं बात एक,
दुर्घटनाऐं क्यों होती अनेक।
सरकार कहां है सावधान,
दुर्घटनाओं का हर जगह से प्रावधान।

सावधान अगर होती सरकार,
गोधरा न होती?
न होती गांधी के पुण्यभुमि पर
नरसंहार?

सावधान होती है सरकार,
बहुमत के लिए
एक वोट की है दरकार,

हो जाता है उसका जुगार।


शनिवार, 19 मार्च 2011

बुरा न मानों होली है। -----मीडियाबाजों ने जब पी ली भंग ---


मीडियाबाजों ने जब पी ली भंग
तो हो  गई शुरू पोल खोलने की जंग।

एक ने कहा 
सबसे तेज है हम
तो दूसरे ने कहा
हां जी,
शातीराने में।

श्रीमान ने फरमाया
सच है तो दिखेगा
किसी ने उनको भी समझाया
भ्रष्टों के हाथ बिकेगा।

एक ने कहा  
आपकी बात आपके साथ करेगें।
दूसरे ने नहीं गया रहा
ऐन केन प्रकारेन
अपनी झेली भेगेंगें।

जी बालों ने कहा 
जरा सोंचों
बगलगीर ने कहा 
हां जी
पतन की प्राकाष्ठा के बाद अब कहां जाओगे।

उन्होने कहा कि हम लेकर आये है 
एक उम्मीद
दूसरे ने मारा
उसे भी तोड़ दिया।



बुधवार, 16 मार्च 2011

ब्लॉगरिया




ब्लॉगिंग करने की बिमारी, 
संक्रामक है बड़ी भारी।

जिसको होता इसका इंफेक्शन,
काम नहीं आता कोई इंजेक्शन।

बड़ा खतरनाक है इसका संक्रमण,
यार दोस्त पर करता अतिक्रमण।

कितने ही लोग इससे ग्रस्त है,
घर-बाहर सभी इससे त्रस्त है।

जिसको लगा रोग वह अपने में मस्त है,
रात दिन ब्लॉगिंग करने में व्यस्त है।

कॉमेंट के लिए दिन भर रिफ्रेश करता है,
बिना पढ़े ही दूसरों कें ब्लॉग पर कॉमेंट करता है।

ब्लॉगर की बीबी बेचारी,
साथ निभाना लाचारी।

ब्लॉगर पति जरा भी करता नहीं है प्रेम,
पत्नी, फिट हो जाय कोई थीम है ऐसा फ्रेम।

पत्नी यदि पतिब्रता नहीं होती,
कब की भाग गई होती।

यह रोगे कभी भी, कहीं भी किसी को भी लग सकता है,
इस लिए बंधू कोई उपाय सोंचिए,
एड्स का नहीं, ब्लॉगिंग का टीका खोजिए...




चित्र गूगल देवता से साभार 






गुरुवार, 3 मार्च 2011

बरबीघा के पंचवदन स्थान मंदिर में लगे मेला मेरे कैमरे की नजर से....... यहां स्थापित पंचमुखी शिवलिंग प्रसिद्ध है...



जलभिषेक की मारमारी

 खिलौना बेचने की मजबूरी


खिलौने बाली मॉडल..

जलेबी का मजा



श्रृंगार की दुकान

वृक्ष की पूजा

अरे ये तो छूट ही गए जल चढ़ दूं

बुढ़ी माता भगवान के दरवार में

चंदन जरा घीस लू....

हरे रामा हरे कृष्णा...

गांव की मिठाई...झिल्ली

बच्ची बेच रही गुपचुप यानी पानीपुड़ी..