रविवार, 30 जनवरी 2022

सृजक

एक मुठ्ठी काली मिट्टी

एक मुठ्ठी सफेद
एक मुठ्ठी दोमट
एक मुट्ठी बलुआही

खेतों की हरियाली
समुंदर की एक
सफेद बून्द
और
अरुणाचल से
एक मुट्ठी
लालिमा
लेकर
गढ़ना चाहता हूँ
माँ भारती को


तब
जबकि
कई लोग
अपने अपने
रंग से
रंग देना चाहते है
माँ भारती को

कोई हरा
कोई सफेद
कोई केसरिया
कोई लाल
और
कोई कोई
स्याह....भी..