सोमवार, 15 जुलाई 2013

भूख, बिल्ली और नेता..


अब कलावती के घर 
बिल्ली भी नहीं आती
समझती है वह 
कई दिनों से खामोश चुल्हे 
और भूख से बिलखते बच्चों का दर्द

पर हे जनतंत्र के कर्णधारों
इतनी छोटी से बात 
तुम क्यों नहीं समझते?

क्यों रोटी की जगह 
धर्म का अफीम देकर
सुला देना चाहते हो हमें
भूखे पेट 
बारबार, लगातार....