गुरुवार, 29 नवंबर 2012

दानदाता का नाम..

संगमरमर के सीने पर
छेनी से
उकेरा  जा रहा था
दानदाता  का नाम
कथित ईश्वर के घर
लगेगा आदमी का
नाम.....

उस दिन
नाली की ढक्कन पर भी
उकेरा जा रहा था
दानदाता का नाम..


शनिवार, 17 नवंबर 2012

मासूम


1
उनको इस बात का जैसे कोई इल्म न हो।
यूं जा रहे हैं जैसे दिल तोड़ना कोई जुल्म न हो।।
2
उसने फितरत ही कुछ ऐसी पाई है।
बहम, उनसे से ही सारी खुदाई है।।
3
जब्त करना भी जरूरी है जिंदगी में,
कि गैरों को जख्म दिखाए नहीं जाते।
सोहबत से ही कोई अपना नहीं होता,
अपनों से कोई बात छुपाई नहीं जाते।।


रविवार, 11 नवंबर 2012

साथी के बोल बच्चन...


तिस्नगी है साथी तो दरिया का रूख कर।
समुन्द्र की फितरत नहीं होती, प्यास को बुझाना।।

यूं तो अमीरों से सोहबत है तुम्हारी साथी।
दौरे गर्दिश में गरीब दोस्त को भी आजमाना।।

जां देकर भी जो कहीं जिक्र न करे साथी।
दोस्ती का यह सलीका भूल गया है जमाना।।

रविवार, 4 नवंबर 2012

रैली रेलमपेल -(क्षणिकाएं-साथी की कलम से)



1
रैली में आज चैनलों ने अजब घालमेल कर दिया।
एक साथ लाइव कर,
कांग्रेस-जदयू में तालमेल कर दिया।
2
रैली में सोनीया में कहा देश हित में एफडीआई लाया।
जनब हमारा कुनबा भी देश का ही नागरिक है,
इसीलिए स्वीस बैंक में देश का पैसा धर आया।।
3
रैली में राहूल ने कहा देश को बदलाव की जरूरत है।
जनाब, घोटालों की सरकार, बदलाव की ही तो सूरत है।।