शनिवार, 14 नवंबर 2020

#दीया और #आदमी

#दीया और #आदमी
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वह जल रहा है
अनवरत
टिमीर टिमीर
टिमटिम
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मद्धिम सी लौ
सारे जहां को
कहाँ कर पाती रौशन
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हवा के थपेड़े
बाती का संघर्ष
तेल का तपन
माटी का दीया
दीया तले अंधेरा
और लौ की टिमटिम
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सोंच रहा हूँ
दीया और 
संघर्षशील आदमी
कितना समान है..