सोमवार, 1 सितंबर 2025

प्रेम और अप्रेम

प्रेम और अप्रेम

पूरी दुनिया
आसमाँ भर प्रेम
माँग रही है,
और इधर,
कोई बस चुटकी भर
प्रेम बाँट रहा है…

आज राह चलते मिले प्रेम की एक तस्वीर

1 टिप्पणी:

  1. यह चुटकी भर प्रेम ही तो जीवन की सुगंध है, ,मन की मिठास है।
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति सर।
    सादर।
    -----
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार २ सितंबर २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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