शनिवार, 31 दिसंबर 2016

महुआ महके..

महुआ महके तोर अंगना में,
सूरजमुखी खिल जाये।
बेला, जूही, हरसिंगार सन,
जीवन खुशबु  से भर जाये।।

सरसों फूलो, मांजर महके,
धान, गेहुम लहराये।
केतारी सन रसगर हो जीवन,
मटर, मकई नियर गदराये।।

कोयल कूके, बुलबुल गाये,
तोता, मैना शोर मचाये।
आये गोरैया, पानी पिए,
अंगना में, धप्चुहिया मुस्काये।।

चुमनुमिया चिरैया शोर मचाये,
कागा आके भोर जगाये।
खिले गुलाब, गेंदा गोदी में,
कहे "साथी" बथान में गोरु-गाय डोंराय।।

*नव बर्ष की मंगलकामनाएं..*
अरुण साथी, पत्रकार, बरबीघा, (बिहार)

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