झूठ की खेती
(अरुण साथी)
वह बंजर जमीन हो
या कि हो
मरूभूमि
या हो
पठार-पर्वत
कुछ लोग
बड़े कुशल उद्यमी
होते है
और वे बंजर जमीन पे भी
झूठ की फसल बोते है
लच्छेदार बातों से
उसे सींचते
कोड़ते और निकोते है
सच कहता हूँ
कुछ लोग
झूठ की खेती करने में
बड़े मास्टर होते है..
जैसा बोते हैं वैसा काटते भी हैं :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर ।