शनिवार, 23 जुलाई 2016

आईये यूँ नागपंचमी मनाते है..

आईये यूँ 
नागपंचमी मनाते है..
*अरुण साथी*
कुछ तथाकथित 
दोस्तों को
आदर सहित 
घर बुलाते है
और उनको
भरपेट दूध पिलाते है..
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आईये यूँ 
नागपंचमी मनाते है..
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कुछ तथाकथित 
सेकुलरों के घर जाते है
और उनको दूध पिलाकर
आस्तीन का सांप 
होने का अर्थ समझाते है..
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आईये यूँ
नागपंचमी मनाते है...
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कुछ तथाकथित राष्ट्रवादी
भक्तों को दूध सुँघाते है
उनको उकसाते है
और फिर
उनकी जिह्वा से निकली
गलीज गालियों के बीच
कालिया नाग और 
उनके बीच की समानता का
अर्थ उन्हें समझाते है...
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आईये यूँ 
नागपंचमी मनाते है..
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कुछ तथाकथित 
मुल्लों-मौलवियों
पण्डे-पुरोहितों
जकीरों-ओवैसियों
साध्वियों-योगियों
को धर लाते है
उनके बिष के 
दाँत तोड़कर
उन्हें देशभक्ति का
पाठ पढ़ाते है..
**
आईये यूँ,
नागपंचमी मनाते है...

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