साथी
शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016
पहली सी मोहब्बत नहीं रही....
उनको अब मुझसे शिकायत नहीं है,
शायद अब पहली सी मोहब्बत नहीं रही।
दुश्मनों से भी हंस-बोल लिया करते थे,
शायद अब पहली सी अदावत नहीं रही।
इन्कारे-ए-मोहब्बत पर तेजाब फेंक देते हैं,
शायद अब पहली सी इश्के-रवायत नहीं रही।
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