रविवार, 20 मई 2012

संगमरमर का आदमी



तुम तो कहते थे अमीरे शहर जन्नत होती है।
मैंने तो यहां संगेमरमर का आदमी देखा।।

तुम तो कहते थे इसके लिए है दीवानी दुनिया।
मैंने तों यहां से भागने की छटपटाहट देखी।।

तुम तो कहते थे बहुत शकूं है यहां।
उसने तो मुझसे ही शकूं का पता पूछा।।

6 टिप्‍पणियां: