बहुत ही सही कहा...सुन्दर रचना...
waah.......bahut khubsurat soch.....
behad khoobsurat......
औरत कोई हाड-मांस का पुतला नहीं,बल्कि एक खूबसूरत एहसास है !
बहुत सुन्दर और सटीक व्याख्या किया है आपने औरत के बारे में! लाजवाब प्रस्तुती!
बहुत सुन्दर, बधाई.
वाह...बेजोड़ भावाभिव्यक्ति...बधाई स्वीकारेंनीरज
सच कहा है .. औरत इश्वर का वरदान है ... हर रूप में संभालती है ...
बहुत ही सही कहा...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...
waah.......bahut khubsurat soch.....
जवाब देंहटाएंbehad khoobsurat......
जवाब देंहटाएंऔरत कोई हाड-मांस का पुतला नहीं,बल्कि एक खूबसूरत एहसास है !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सटीक व्याख्या किया है आपने औरत के बारे में! लाजवाब प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर, बधाई.
जवाब देंहटाएंवाह...बेजोड़ भावाभिव्यक्ति...बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
सच कहा है .. औरत इश्वर का वरदान है ... हर रूप में संभालती है ...
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