सोमवार, 21 मार्च 2016

उल्टी करता आदमी.

उल्टी करता आदमी..

पता नहीं क्यों
दूसरों की वनिस्पत
कुछ आदमी में बड़ी कमी होती?

दूसरे
हजम कर जाते है
बहुत कुछ
कई तो सबकुछ
जैसे वो
आदमी नहीं
तिलचट्टा हो
सर्वाहारी...

कुछ
उल्टी कर देते हैं
हज़म नहीं कर सकते
सबकुछ
जैसे कि
सामाजिक बिसंगति
धार्मिक थोथापन
जातिय उन्माद

और कर देते है उल्टी
कहीं किसी समाज में
कहीं किसी देश में
कहीं किसी सोशल मीडिया में...
सच है
उल्टी करने वालों को भला
कौन पसंद करेगा
फिर भी
कुछ लोग है उल्टी
करनेवाले
तभी बची है दुनिया..

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