#साथी के #बकलोल_वचन कड़ी में मगही कविता के माध्यम से बिहार के दर्द के आवाज देलियो हें।
बिहार में बहार हो!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
जन्ने देखहो ओन्ने गोलिये के बौछार हो!!
बिहार में बहार हो!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
जन्ने देखहो ओन्ने गोलिये के बौछार हो!!
हत्या, लूट, रंगदारी तो जेनरल बात हो,
अपहरण के चकाचक चललो रोजगार हो!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
अपहरण के चकाचक चललो रोजगार हो!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
व्यपारी, दरोगा औ इंजीनियर के मारे गोली!
अदमि के जान जैसे गजरा-मुराय हो..!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
अदमि के जान जैसे गजरा-मुराय हो..!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
रोड रॉबरी, घर में डाका औ होबो हो छिनतई,
बैंक डकैती तो जैसे पर डे के कारोबार हो!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
बैंक डकैती तो जैसे पर डे के कारोबार हो!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
छोटका भाय; कुर्सी पाय, खूब नितराय!
बड़का भाय; सपरिवार, सिरोरे मलाय हो!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
बड़का भाय; सपरिवार, सिरोरे मलाय हो!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
बेजोङ ।
जवाब देंहटाएंजय जय हो जंगल राज । अबकी बार गुंडों की सरकार ।
जवाब देंहटाएंजय जय हो जंगल राज ।
जवाब देंहटाएंअबकी बार गुंडों का राज ।
पुलिस के हाथो न आए कोई रंगदार ।
जय जय हो जंगल राज ।
आम आदमी मारे जाए ।
जय जय हो जंगल राज ।
जय हो जंगल राज
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