गुरुवार, 21 जनवरी 2016

बिहार में बहार हो!!

#साथी के #बकलोल_वचन कड़ी में  मगही कविता के माध्यम से बिहार के दर्द के आवाज देलियो हें।
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बिहार में बहार हो!!
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बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
जन्ने देखहो ओन्ने गोलिये के बौछार हो!!
हत्या, लूट, रंगदारी तो जेनरल बात हो,
अपहरण के चकाचक चललो रोजगार हो!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
व्यपारी, दरोगा औ इंजीनियर के मारे गोली!
अदमि के जान जैसे गजरा-मुराय हो..!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
रोड रॉबरी, घर में डाका औ होबो हो छिनतई,
बैंक डकैती तो जैसे पर डे के कारोबार हो!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?
छोटका भाय; कुर्सी पाय, खूब नितराय!
बड़का भाय; सपरिवार, सिरोरे मलाय हो!!
बिहार में आईलो ई कईसन बहार हो?

4 टिप्‍पणियां:

  1. जय जय हो जंगल राज । अबकी बार गुंडों की सरकार ।

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  2. जय जय हो जंगल राज ।
    अबकी बार गुंडों का राज ।
    पुलिस के हाथो न आए कोई रंगदार ।
    जय जय हो जंगल राज ।
    आम आदमी मारे जाए ।
    जय जय हो जंगल राज ।

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