रविवार, 15 अप्रैल 2012

शुन्य का सिद्धांत


जिंदगी गणित की किताब है।
दशमलव, सम और विभाजन
अध्यायों की तरह
जटिलताओं के साथ
सामने आ जाती है
अचानक...

गुणनफल और भागफल
की अतिमहत्वाकांक्षा का
गणितीय सुत्र हर किसी के पास
होता भी तो नहीं....

न ही हर कोई जानता है
वर्गमूल का सिद्धांत,
कुछ सम की परिभाषा
को ही मानते है
और कुछ का जीवन
विखण्डन के सिद्धांत
को प्रतिपादित करता है..

पर साधू होना सर्वश्रेष्ठ
गणितज्ञ होने जैसा है
जिन्हें शुन्य का सिद्धान्त पता होता है...

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर................

    एक अनोखा दृष्टिकोण........

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  2. साधू होना सर्वश्रेष्ठ
    गणितज्ञ होने जैसा है
    जिन्हें शुन्य का सिद्धान्त पता होता है...वाह , सही है

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