शुक्रवार, 2 मई 2014

प्रेम और ईश्वर

मीरा तब भी थी 
मीरा अब भी है 

कृष्ण के माथे तब भी कलंक लगा
कृष्ण के माथे अब कलंक है 

मीरा तब भी पापिन थी 
मीरा अब भी पापिन है 

प्रेम तब भी पाप था 
प्रेम अब भी पाप है 

प्रेम का तब भी खोजा गया कारण
प्रेम का अब भी खोजा जाता है कारण 

प्रेम का तब भी कोई कारण नहीं था 
प्रेम का अब भी कोई कारण नहीं है 

युग बीते 
ईश्वर तब भी थे
राक्षस अब भी है ....

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