जन्नत गुजरात में है, मान लो,
फालतू में सान-पट्टी करने का नै।
मार-कुटाई होगी,
ऑफिस पे चढ़ने का नै।
67 साल से लूट, बांट खा रहे,
59 दिन में भागने का नै।
जमाना बदल गया, तुम भी बदलो,
"चिल्लर" के डर से लंगोटी बांधने का नै।
पोल्टिक्स करनी हो तो
धर्म, जाति, वंश
सत्ता, कुर्सी, नेता
कॉरपोरेट, भ्रष्टाचार
का पैर पूजो,
जास्ती केजरीवाल बनने का नै.....
जास्ती केजरीवाल बनने का नै.....
फालतू में सान-पट्टी करने का नै।
मार-कुटाई होगी,
ऑफिस पे चढ़ने का नै।
67 साल से लूट, बांट खा रहे,
59 दिन में भागने का नै।
जमाना बदल गया, तुम भी बदलो,
"चिल्लर" के डर से लंगोटी बांधने का नै।
पोल्टिक्स करनी हो तो
धर्म, जाति, वंश
सत्ता, कुर्सी, नेता
कॉरपोरेट, भ्रष्टाचार
का पैर पूजो,
जास्ती केजरीवाल बनने का नै.....
जास्ती केजरीवाल बनने का नै.....
वाह ! मजेदार चुटकी..
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