केजरीवाल
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दुर्वाषा की तरह बन गयो हे ‘‘आप’’।
घूम-घूम के खाली-पीली दे रहो हे श्राप।।
आम आदमी की महिमा हे बड़ी ही भारी।
टेम्पू, मैट्रो अ मर्सिटीज की करे सवारी।।
मोदी
****
रामकृपाल, रामविलास, हाय तेरा सपना।
राम नाम जपना, पराया माल अपना।।
सोनिया
*****
मैडम जी अब किसको दें इल्जाम।
चुनावी चक्कर में ‘‘माया’’ मिली न ‘‘राम’’।।
मुलायम
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सब किया-धरा गुड़-गोबर भय गयो।
बेट को कुर्सी दियो, ढीले तेबर भय गयो।।
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दुर्वाषा की तरह बन गयो हे ‘‘आप’’।
घूम-घूम के खाली-पीली दे रहो हे श्राप।।
आम आदमी की महिमा हे बड़ी ही भारी।
टेम्पू, मैट्रो अ मर्सिटीज की करे सवारी।।
मोदी
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रामकृपाल, रामविलास, हाय तेरा सपना।
राम नाम जपना, पराया माल अपना।।
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मैडम जी अब किसको दें इल्जाम।
चुनावी चक्कर में ‘‘माया’’ मिली न ‘‘राम’’।।
मुलायम
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सब किया-धरा गुड़-गोबर भय गयो।
बेट को कुर्सी दियो, ढीले तेबर भय गयो।।
सुंदर ।
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाऐं ।
हा हा मस्त हैं सभी ..
जवाब देंहटाएंहोली कि बधाई ...
बढ़िया मुक्तक !!
जवाब देंहटाएंवाह...सामयिक और सुन्दर पोस्ट.....आप को भी होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंनयी पोस्ट@हास्यकविता/जोरू का गुलाम