वाह !नापने में लगा हुआ दरजी हो जाता है ताउम्र कुछ भी नहीं नाप पाता है आदमी को नापने की जरूरत नहीं होती नापना शुरु करते ही आदमी कहाँ रह जाता है :)
सही कहा
आपकी लेखनी से निकल हर शब्द नये अर्थों को जीने लगता है
वाह !
जवाब देंहटाएंनापने में लगा हुआ दरजी हो जाता है
ताउम्र कुछ भी नहीं नाप पाता है
आदमी को नापने की जरूरत नहीं होती
नापना शुरु करते ही आदमी कहाँ रह जाता है :)
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