शनिवार, 17 नवंबर 2012

मासूम


1
उनको इस बात का जैसे कोई इल्म न हो।
यूं जा रहे हैं जैसे दिल तोड़ना कोई जुल्म न हो।।
2
उसने फितरत ही कुछ ऐसी पाई है।
बहम, उनसे से ही सारी खुदाई है।।
3
जब्त करना भी जरूरी है जिंदगी में,
कि गैरों को जख्म दिखाए नहीं जाते।
सोहबत से ही कोई अपना नहीं होता,
अपनों से कोई बात छुपाई नहीं जाते।।


4 टिप्‍पणियां:

  1. उनको इस बात का जैसे कोई इल्म न हो।
    यूं जा रहे हैं जैसे दिल तोड़ना कोई जुल्म न हो।

    बहुत खुब......

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  2. 18/12/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है ..... !! धन्यवाद!

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