#देह
स्त्री एक देह है
माँ-बहन
बहु-बेटी नहीं..
उसे कैद करो
इज्जत के पिंजरे में
बलात्कार करो उसका
और इज्जत भी उसी की
लुट जाएगी
लुटेरे का नहीं...!
कभी भ्रूण हत्या
कभी दहेज हत्या
कभी लक्ष्मण रेखा
कभी सीता को कलंक
कभी पांचाली
कभी निर्भया
कभी उन्नाव
कभी दिशा
मर्यादापुरुषोत्तम
समाज में
मर्दांगी यही तो है...
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