दुनिया की आबोहवा में जहर बहुत है, चलो अब मुठ्ठी भर ताजी हवा चुन लें!!
मजहब तो नफ़रत बांटता है आजकल, चलो अब कोई नया खुदा चुन लें!!
काम जिनका है कातिलों का "साथी", चलो अब रास्ता उनसे जुदा चुन लें!!
http://bulletinofblog.blogspot.in/2017/03/blog-post_28.html
सुन्दर।
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जवाब देंहटाएंसुन्दर।
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