रविवार, 22 मार्च 2015

"साथी" के बकलोल वचन / (बिहार के हालात पे मगही कविता)

बुढ़िया के बृद्धापेंशन ले दौराबो हा ।
जुअनका के रोजगार ले परदेश भगाबो हा ।।
कैसन बिहार दिवस मनाबो हा...
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गरिबका के रहे ले झोपड़ियो नै है ।
अमिरके के इंदिरा आवास बनाबो हा ।।
कैसन बिहार दिवस मनाबो हा...
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गाँव-गाँव, गली-गली सरकारी दारू बेचबाबो हा ।
अनपढ़बा के नकली सर्टिफिकेट पे मास्टर बनाबो हा ।।
कैसन बिहार दिवस मनाबो हा..
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गरिबका के मिलो है नै पिये खातिर पानी,
बाबू साहेब के घर विधायक जी चापाकल गड़बाबो हा ।।
कैसन बिहार दिवस मनाबो हा...
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गरीब के मिले बाला अनाज खा जाहो डीलर,
अफसर औ लीडर भी अपना हिस्सा बनाबो हा ।।
कैसन बिहार दिवस मनाबो हा...
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थाना में दरोगा जी दे हथुन गाली,
एसपी तर जाहो त पैसा फरियाबो हा ।।
कैसन बिहार दिवस मनाबो हा...
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नै खाद, नै बीज नै मिलो है किसान के डीजल अनुदान ।
इहे पैसा से पंचायत सेवक औ मुखिया महल बनाबो हा ।।
कैसन बिहार दिवस मनाबो हा..

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