राम-राम, नमस्ते भूल, हाय-हल्लो बतियाते है.
नेता हो या अभिनेता, हिन्दी से सब शर्माते है.
पर हिन्दी दिवस मनाते है...
बच्चों को भी काउ, डाॅग, एप्पल हम सिखलाते है.
इंग्लिश स्कूल भेजकर उनको, अपनी शान बढ़ाते है.
पर हिन्दी दिवस मनाते है..
रामू काका को अंकल कहते, दादा जी को ग्रेन्ड पा.
बाबूजी अब डैडी हो गए, माँ को माॅम बुलाते है.
पर हिन्दी दिवस मनाते है...
मनोहर पोथी, सिलौट, पहाड़ा सब भूल गए.
हम सब भारतवासी अब इंडियन कहलाते है.
चलो हिन्दी दिवस मनाते है.....
नेता हो या अभिनेता, हिन्दी से सब शर्माते है.
पर हिन्दी दिवस मनाते है...
बच्चों को भी काउ, डाॅग, एप्पल हम सिखलाते है.
इंग्लिश स्कूल भेजकर उनको, अपनी शान बढ़ाते है.
पर हिन्दी दिवस मनाते है..
रामू काका को अंकल कहते, दादा जी को ग्रेन्ड पा.
बाबूजी अब डैडी हो गए, माँ को माॅम बुलाते है.
पर हिन्दी दिवस मनाते है...
मनोहर पोथी, सिलौट, पहाड़ा सब भूल गए.
हम सब भारतवासी अब इंडियन कहलाते है.
चलो हिन्दी दिवस मनाते है.....
सुंदर रचना । हिंदी दिवस पर शुभकामनाऐं ।
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