शुक्रवार, 3 मई 2013

घृणा



उस दिन
कथित अधार्मिक 
मठाधीश को
अपदस्त कर 
गांव में जश्न मना
तो मैं भी बहुत खुश हुआ....

चलकर देखने गया
अपनी खुशी

नये मठाधीश
पुर्व में लिखे नाम वाले
शिलापट्टों को तोड़ रहे थे....

पता नहीं क्यों?
इस घृणा को देख
मैं फिर उदास हो गया.....



2 टिप्‍पणियां:

  1. आजकल धर्म के नाम पर सद्भाव कम , घृणा ज्यादा पैदा की जा रही है।
    सार्थक प्रस्तुति।

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  2. मठाधीश ... और इतना क्रोध ...
    सटीक रचना ...

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