अहंकार रोकता है टोकता है ठोकता है जकड़ता है पकड़ता है
कभी खुद से कभी गैरों से लड़ाता है लड़ता है
यह अहंकार ही है जो आदमी को गिरने के लिए क्या क्या जतन नहीं करता है...
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