रविवार, 23 जून 2019

अहंकार

अहंकार
रोकता है
टोकता है
ठोकता है
जकड़ता है
पकड़ता है

कभी खुद से
कभी गैरों से
लड़ाता है
लड़ता है

यह अहंकार ही है
जो आदमी को
गिरने के लिए
क्या क्या जतन
नहीं करता है...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें