रविवार, 13 फ़रवरी 2011

हार्ट हॉस्पीटल।




किस्सा कुछ समझ न पाया,
एक होडिंग जब नजर में आया।

पढ़कर कुछ मन घबराया,
आगे पढ़ने को उकसाया।

लिखा था..
नये वॉल्व लगाये,
या पुराना वॉल्व
रिपेयर करायें।

छः माह की गारंटी देशी में,
तीन साल की गारंटी विदेशी में।

सोंचा मैंने
गाड़ियों का गैराज 
खुबसुरत है कितना,
शब्दों में मुश्किल है उसको लिखना।

फिर मोटे हरफों पर नजर गई,
पांव वहीं पर ठहर गये.

लिखा था

‘‘जीवक हार्ट हॉस्पीटल’’

यहां है
सरकारी कर्मचारियों, नेताओं के लिए है
व्यवस्था विशेष,
समझने को रह गया फिर कुछ शेष।

क्या नेता-अधिकारियों के वॉल्व होते है
जल्दी खराब,
तभी तो है यह निर्देश, 
उनके लिए व्यवस्था विशेष।

समझ गया तब मैं एक बात,
ये लोग होते है क्यों संगदिल,
क्योंकि कृत्रिम होतें है इनके दिल।

होते हैं ये बड़े हार्ड,
क्यांेकि 
नकली होता है इनका हार्ट।

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