मंगलवार, 11 अक्टूबर 2011

पानी रे पानी तेरा रंग कैसा?




शेखपुरा जिले का घाटकोसुम्भ प्रखंड के तीन दर्जन से अधिक गांव कई माह तक पानी में डूबा रहता है और इसमें भी जिंदगी सूरज की किरणों की सुनहली परत ओढ़ कर कुछ यूं निकलती है...

सोचिंए?
कई सुविधाओं के बाद भी हमें जिन्दगी से इतना गिला क्यूं है?

3 टिप्‍पणियां:

  1. बाढ, सूखा, जल और नदी नियमन पर देश्व्यापी चिंतन और योजनाओं की आवश्यकता है। ऐसी समस्याओं के मानवीय पक्ष को भी ध्यान में रखा जाना चाहिये।

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  2. खेदजनक है ये सब । स्वार्थ में डूबे सत्ताधारी । कौन सोचता है प्रजा की आजकल। गिला न हो तो क्या हो।

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  3. गीला जिंदगी से नहीं ... सत्ता धारियों से है ... जो कुछ नहीं करते ...

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