संजीव कुमार की चुटीली कविता
गॉधी शताब्दी का शुभारम्भ,
दो व्यक्तियों ने जमकर लाठी चलाई।
मद्य निषेध दिवस धूम-धाम से मना,
जहरीली शराब पीने से सात व्यक्तियों की मौत।
शिक्षा में आशातीत प्रगति,
छात्र के झोले से बम बरामद।
परिवार नियोजन सप्ताह संपन्न,
एक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया।
सूबे में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त,
डी.एस.पी. के घर पर बम से हमला।
देश में खाद्यान की कोई नहीं-मंत्री,
आंध्रप्रदेश में सात दिन से भुखे किसान ने दम तोड़ा।
खाद्यान्न मुद्रा स्फीति में भारी गिरावट,
प्याज के दामों में पॉच गुना वृद्धि।
वेलेन्टाइन डे पे खुब लुटाया प्यार का तोहफा।
एक लड़के ने अपनी प्रेमिका के चेहरे पर तेजाब फेंका।
हर बच्चे को पोलियों ड्राप्स का दो बुंद पिलाना है पोलियों दुर भगाना है।
लगातार पॉच वर्षो से पोलियो ड्राप्स पीने वाले बच्चे पोलियो ग्रसित हुए।
bahut achchi lagi.
जवाब देंहटाएंकाफी मेहनत की है आपने
जवाब देंहटाएंभाई साथी जी,
जवाब देंहटाएंआपके ब्लोग्स का विसिट किया. काफी अच्छा कर रहे हैं. एक तरफ ख़बरों का भण्डार है तो दूसरी तरफ कविताओं का खजाना. आपकी कविताओं से रूबरू होना रोचक रहा. बहुत ही अच्छी रचनाएँ हैं. यूँ हीं लिखते रहिये और रचना कर्म को सिंचित करते रहिये. मेरी शुभकामना है.
-अखिलेश्वर पाण्डेय
arun ji aapki kataksh ki shakti prashansniy hai.aaj ki vyavastha aisee hi hai ki bager kataksh kiye man ko shanti milti bhi nahi kintu itni behtar abhivyakti har kisi ko milti bhi to nahi..
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