tag:blogger.com,1999:blog-6006241820294635291.post5674674958794861231..comments2024-03-02T06:15:41.659-08:00Comments on साथी: गुनहगार-(गजल)Arun sathihttp://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6006241820294635291.post-88932534693144054372011-05-20T01:49:41.789-07:002011-05-20T01:49:41.789-07:00पल भर में जहां बात बदल जाती है,
ऐसी दुनिया में, है...पल भर में जहां बात बदल जाती है,<br />ऐसी दुनिया में, है कौन सितमगर किसे याद होगा..<br />बहुत सुन्दर और शानदार रचना लिखा है आपने! बधाई !<br />मेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6006241820294635291.post-52064925728097447762011-05-20T00:45:19.469-07:002011-05-20T00:45:19.469-07:00बात गुनाहों की कभी अब न करो,
आइने में अपना ही चेहर...बात गुनाहों की कभी अब न करो,<br />आइने में अपना ही चेहरा शर्मसार होगा।<br /><br />आसमां की बुलंदी पर जब देखा सबने,<br />किसने सोंचा था, बिना पंख के परवाज होगा। यह बहुत कुछ कह गयी !बिलकुल सुन्दर और सही शब्दार्थ !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.com