एक मुसलसल सी कमी बाकी रख! पावों तले थोड़ी सी जमीं बाकी रख!!
ठोकरों से संभलना सीख ले "साथी"! आंखों में थोड़ी सी नमी बाकी रख!!
महबूब को बेबफा न कहा करो यूँ ही, मोहब्बत पे थोड़ा सा यकीं बाकी रख!!
@अरुण साथी 21/05/17