रविवार, 14 अगस्त 2011

अन्ना तुम संधर्ष करो हम तुम्हारे साथ है। कस्बाई इलाकों मे गुंजी अन्ना की आवाज।



शेखपुरा
अन्ना ने 16 अगस्त से शुरू होने वाले अनशन को देश की दूसरी आजादी का नाम दिया है और इसी दूसरी आजादी में अन्ना के साथ देने का शंखनाद की गूंज दिखी 15 अगस्त को। छोटे छोटे स्कूली बच्चों ने भ्रष्टाचार भारत छोड़ों के नारे के साथ अन्ना का साथ देने के लिए अपनी आवाज बुलंद। बच्चों ने अपने हाथों से कॉमनबेल्थ धोटाले का कार्टून बना कर भ्रष्टाचार पर प्रहार किया और साथ ही तिरंगा झंडे को हाथों में लहरा कर भ्रष्टाचार भारत छोड़ों का नारा बुलंद किया। 

छोटे छोटे नन्हें मुन्हें बच्चों ने आवाज बुलंद करते हुए अन्ना को संधर्ष करने का आहवान कर रहे थे तो अन्ना के आंदोलन का समर्थन कस्बाई इलाके होने से इस आंदोलन की सार्थकता को समझा जा सकता है।

यह है दर्द में डूबी हुई हंसी।



यह तस्वीर मैंने अपने गांव के मुहसर टोली से खींची है,
इस बच्चे को देख कर बरबस ही मुंह से निकल गया...

मैंने भी माथे पर लगाया है तिरंगा,
भले ही हूं मैं भूखा नंगा।
मेरे चेहरे पर भी देख
लो आजादी की खुशी,
देखो औ देश के रहनुमाओं
यह है दर्द में डूबी हुई हंसी।

मंगलवार, 2 अगस्त 2011

इवादत के फूल




















मैंने तो फूल लाए थे इबादत के लिए

उसको भी लहू में डुबो गया कोई...



पैगामे मोहब्बत की हवा आज भी चलती तो है

रास्ते में जहर उसमें बुझो गया कोई...



कातिल है उनकी नजर बहुत साथी

करीब आने पर, मुझको बता गया कोई.....



कागज पे लिखे कुछ हरफ थे महज उनके लिए

बजूदे राख हुए तो लहू से लिखने की बात बता गया कोई...



अब तो, बात अमन की हो तो मुझको बुरा लगता है

है यह सियासत भर, कह कर मुझको सता गया कोई...



हिना तो हथेली पर सजाने के लिए होती है

इम्तहां ए मोहब्बत में माथे पे सजा गया कोई....